रक्षाबंधन
महाभारत के अनुसार, एक समय की बात है जब भगवान कृष्ण के हाथ पर चोट लग गई थी, तब द्रौपदी ने अपना पल्ला फाड़कर श्रीकृष्ण के हाथ पर बांधा था। उसी वक़्त भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को जीवनभर रक्षा करने का वचन दिया था, उसी समय से ही पवित्र बंधन के रूप में राखी का पर्व मनाया जाने लगा।
रक्षा बंधन जिसे राखी का त्यौहार भी कहते हैं। राखी का ये पवित्र त्यौहार हिन्दुओं के बीच मनाया जाता है। ये त्यौहार भी हिन्दू भाई और बहनों द्वारा सम्पूर्ण भारतवर्ष में अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की आरती उतारती है, उसे तिलक लगाती है, उसकी कलाई पर राखी बांधती है और भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है। बदले में भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है। ये सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि हमारी परंपराओं का प्रतीक है।
यह एक ऐसा लोकप्रिय त्यौहार है जिसका इंतजार बहनें बहुत ही बेसब्री से करती है क्योंकि रक्षाबंधन भाई और बहन के प्रेम को गहरा करता है। रक्षाबंधन भारतीय परम्पराओं का एक ऎसा पर्व है, जो भाई-बहन के स्नेह के साथ-साथ प्रत्येक सामाजिक संबंधों को मजबूती प्रदान करता है। इसी वजह से इस त्यौहार का भाई-बहन को आपस में जोडने के साथ साथ अपना विशेष सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व भी है।