भारत देश पर कविताएँ

2023-05-01


 

1.है शान निराली इस देश की

है शान निराली इस देश की,

पहचान निराली इस देश की।

भारत माँ की रक्षा करता,

हिमालय इसका दुर्ग है।

है भारत माँ का मस्तक,

कश्मीर इसका स्वर्ग है।

गंगा-जमुना सी नदियाँ यहाँ,

कल-कल करती रहती है।

तन-मन को पावन करती,

धरती को अमृत देती हैं।

त्यौहारों के इस देश में,

रंग-रंग के नज़ारें हैं।

कभी दीवाली, कभी ईद,

कभी होली में रंगों की बहार हैं।

पतित पावनी है धरा यहाँ की,

महापुरुषों ने यहां जन्म लिया।

सावित्री और सीता जैसी,

नारियों ने यहाँ पुरुषार्थ किया।

हर भारतवासी का यहाँ,

एक सपना है।

बने सुदृढ़ और सफल देश,

ये संकल्प अपना है।

है शान निराली इस देश की,

पहचान निराली इस देश की।

2.भारत माँ

हम भारतवासी भारत माँ के खातिर,

मर जायेंगे, मिट जाएँगे।

बलिदान शहीदों का न व्यर्थ हो,

कुछ ऐसा कर जाएँगे।

जाति और धर्म की लड़ाई में,

स्वयं को न बटनें देंगें।

एकता और अखंडता का व्रत लेकर,

सबको एक बनाएँगे।

हम भारतवासी भारत माँ के खातिर,

मर जाएँगे, मिट जाएँगे।

कसम हमें इस मिट्टी की,

इसे चंदन सा महकाएँगे।

धूल नही ये पैरों की,

इसे माथे तिलक लगाएँगे।

हम भारतवासी भारत माँ के खातिर,

मर जाएँगे, मिट जाएँगे।

एक नवल स्वप्न पूरा करने को,

फिर से हम जुट जाएँगे।

विश्व के नव पटल पर,

एक नया 'भारत' बनाएँगे।

हम भारतवासी भारत माँ के खातिर,

मर जाएँगे, मिट जाएँगे।

3.अपना देश महान

अपना देश महान है वीरों,

है अपना देश महान।

हरा, श्वेत और केसरिया,

तीन रंगों में रंगा।

तिरंगा झंडा अपना,

बना देश की शान है।

अपना देश महान है वीरों,

है अपना देश महान।

राष्ट्र पक्षी मयूर है इसका,

पुष्प कमल है राष्ट्र का।

राष्ट्र पशु चित्रक: है इसका,

अशोक चक्र महान है।

अपना देश महान है वीरों,

है अपना देश महान।

भाषा हिंदी इसकी है गौरव,

बोली में घोलती मिठास है।

रंग-रंग में रंगी,

सर्वगुणों की खान है।

अपना देश महान है वीरों,

है अपना देश महान।